स्पेन के व्य्यादोलिद विश्वविद्यालय में १४-१७ मार्च की तीन दिन की अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न हुई , इंतनी सुचिंतित, व्यवस्थित और विषय पर गंभीर चिंतन मनन वाली गोष्ठी में शामिल होने का अवसर मिला तो लगा कि इस प्रकार के आयोजन हिंदी के विकास के लिए आवश्यक हैं , इस संगोष्ठी मैं वहां के दूतावास, कासा दे ला दे इंडिया का सहयोग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी अत्यंत सराहनीय रहा , आयोजक प्रोफ. श्रीश जैसवाल एवं उनकी टीम बधाई की पात्र है. मैं इस आयोजन में शरीक रहे सभी मित्रों को बधाई देता हूं !
Tuesday, March 20, 2012
भाषाओँ का विकास उस समाज पर निर्भर करता है जो उसके प्रयोगकर्ताओं का समाज है -प्रोफ.नवीन चन्द्र लोहनी
स्पेन के व्य्यादोलिद विश्वविद्यालय में १४-१७ मार्च की तीन दिन की अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न हुई , इंतनी सुचिंतित, व्यवस्थित और विषय पर गंभीर चिंतन मनन वाली गोष्ठी में शामिल होने का अवसर मिला तो लगा कि इस प्रकार के आयोजन हिंदी के विकास के लिए आवश्यक हैं , इस संगोष्ठी मैं वहां के दूतावास, कासा दे ला दे इंडिया का सहयोग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी अत्यंत सराहनीय रहा , आयोजक प्रोफ. श्रीश जैसवाल एवं उनकी टीम बधाई की पात्र है. मैं इस आयोजन में शरीक रहे सभी मित्रों को बधाई देता हूं !
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