कौरवी बोली के प्रमुख रचनाकार महाकवि संत गंगादास का जन्म बाबूगढ़ छावनी के निकट रसूलपुर गांव में 1823 को बसंत पंचमी के दिन हुआ। इस वर्ष उनकी 200 वीं जयंती है. चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के भवन का नाम भी संत गंगादास के नाम पर सन् 2004 में रखा गया। संत गंगादास की प्रमुख पुस्तक 'गंगासागर' को हाल में ही संपन्न दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय द्वारा माननीय कुलाधिपति को भेंट किया गया। यह महाकाव्य कौरवी का प्रथम महाकाव्य भी कहा जाता है। हिंदी एवं अन्य आधुनिक भारतीय भाषा विभाग द्वारा साहित्य में उनके महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करने के लिए दिनांक 25 जनवरी 2023 को एक राष्ट्रीय संगोष्ठी 'कौरवी के प्रथम कवि संत गंगादास का प्रदेय' का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही यूको बैंक द्वारा स्नातकोत्तर हिंदी में प्रथम दो स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को पुरस्कार संगोष्ठी के दूसरे सत्र में प्रदान किये जाएंगे। संगोष्ठी में आप सभी विद्वत जनों का हृदय से स्वागत है. धन्यवाद
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