साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद् एवं हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग,
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मदिवस समारोह के अवसर पर आयोजित
भाषण एवं एकल काव्य पाठ प्रतियोगिता
दिनांक 20 दिसंबर 2024 को साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद एवं हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के संयुक्त तत्वावधान में पूर्व प्रधानमंत्री माननीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मदिवस के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता एवं एकल काव्य पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस आयोजन के अध्यक्ष प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी, विभाग अध्यक्ष एवं वरिष्ठ आचार्य हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग, समन्वयक, प्रोफेसर के के शर्मा, साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद, संयोजक भाषण प्रतियोगिता डॉक्टर आरती राणा सहसंयोजक डॉक्टर यज्ञेश कुमार, एकल काव्य पाठ के संयोजक डॉक्टर अंजु एवं सहसंयोजक डॉक्टर प्रवीण कटारिया रहे।
प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से विद्यार्थियों ने भाषण एवं एकल काव्य पाठ प्रतियोगिता में प्रतिभागिता की। निर्णायक मंडल में भाषण प्रतियोगिता के निर्णायक प्रोफेसर कविता त्यागी, मेरठ कॉलेज मेरठ, प्रोफेसर ललिता यादव, एन0 ए0 एस0 कॉलेज मेरठ, डॉ0 विजेता गौतम, अंग्रेजी विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ रहे।
एकल काव्य पाठ प्रतियोगिता में निर्णायक डॉ राजेश कुमार राजकीय डिग्री कॉलेज, बीबी नगर, डॉ अलका वशिष्ठ, उर्दू विभाग, डॉ॰ ओमपाल शास्त्री, संस्कृत विभाग रहे।
कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी ने कहा कि माननीय अटल बिहारी वाजपेयी हमारे समाज और राजनीति के बड़े व्यक्तित्व हैं उन्होंने अपने सामाजिक कार्यों और राजनीतिक प्रयासों से भारतीय समाज को विकासशील और राजनीति को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया। शिक्षा के क्षेत्र में उनके प्रयास सराहनीय हैं। माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपनी विदेश नीति के द्वारा भारतीय राजनीति को विश्व स्तर पर स्थापित किया। माननीय अटल बिहारी वाजपेयी देश के ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने विश्व स्तर पर शांति स्थापना हेतु अद्भुत प्रयास किये। हमारे देश की ऐसी महान विभूतियों के कार्यों और उनके सामाजिक उपादेयता को ध्यान में रखकर ऐसे कार्यक्रम युवाओं को प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि अटल जी ने हिंदी भाषा को गरिमा प्रदान की। अटल जी को राजनेता, कवित्व और वक्ता के लिए विशेष रूप से जाना जाता है।
डॉ॰ के॰ के॰ शर्मा ने कहा कि भारत पाकिस्तान संबंधों को सामान्य करने के उनके प्रयास सराहनीय हैं। राजनीतिक रूप में उनकी छवि एक ईमानदार और कर्मठ राजनेता की रही है। उन्होंने कहा कि जो महापुरूष होते हैं उनसे प्रेरणा मिलती है कि हम जीवन में अपने निर्णयों पर अटल रहें। अटल जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। ‘जहाँ न पहुंचे रवि तहाँ पहुंचे कवि’ कवि कल्पना के माध्यम से कवि कहीं भी पहुंच जाता है। अटल जी हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत रहें हैं।
प्रो॰ आर॰ के॰ शर्मा ने कहा कि 21 वीं सदी सहयोग, संयोजन एवं स्किल का समय है। अगर आप मानव मात्र से प्रेम नहीं करते तो व्यर्थ है संप्रेषण बहुत अनिवार्य है।
प्रो॰ कविता त्यागी ने कहा कि भाषण देना बच्चे के व्यक्तित्व को भी निखारता है। अटल जी मस्तिष्क से राजनेता थे दिल से कवि थे। ‘मंजिल मिल जाएगी यू ही भटकते-भटकते गुमराह वे हैं जो घर से निकलते नहीं’
प्रो॰ ललिता यादव ने प्रतिभागियों का उत्साह वर्धन किया।
डॉ॰ विजेता गौतम ने कहा कि वाजपेयी जी महत्वपूर्ण राजनेता के साथ-साथ विश्व नेता थे। वो राजनीतिक शुचिता के समर्थक थे।
डॉ॰ राजेश कुमार, अध्यक्ष, हिंदी विभाग, राजकीय महाविद्यालय, बी॰बी॰, नगर, बुलंदशहर ने कहा कि ‘कविता करना आसान नहीं जो लोहा कांट रहे कागज के तलवारों से’ उन्होंने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं संप्रेषित की।
डॉ॰ ओमपाल शास्त्री ने कहा कि मंच पर आने के लिए विचारों का एकत्रीकरण जरूरी है। मूल स्वर से व्यंजन फिर शब्द फिर विचार बनते हैं। शब्द भंडार से ही शब्द संयोजन संभव है। अतः आप सभी शब्द भण्डार को बढ़ाएं। महाजनों येन गतः स पन्थाः’ बड़ों का अनुसरण करके ही हम जीवन को आगे बढ़ा सकते हैं।
डॉ॰ अलका वशिष्ठ ने कहा कि अटल जी अमर हैं। बच्चों ने प्रतियोगिता में अच्छा प्रयास किया। बोलने से व्यक्तित्व का विकास होता है। कविता पाठ करना आसान नही है। इसलिए स्वयं को संतुलित बनाएं रखें और जो नहीं भाग लिए हैं वे आगे कोशिश करें। उच्चारण के स्तर पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
भाषण प्रतियोगिता के प्रतिभागियों के नाम - प्रियंका वर्मा, आर्यन वत्स, श्रेया वशिष्ठ, प्रशांत पंवार, संजना, अंकित कुमार गौतम, मो॰ नदीम, साधना बालियान, साक्षी, ख्याति भारद्वाज, शिवानी धामा, तसनीफ जेहरा, शुभम शर्मा, नेहा ठाकुर, आयुषी तोमर, इत्यादि विद्यार्थियों ने भाषण प्रतियोगिता में सहमात्र किया।
भाषण प्रतियोगिता का परिणाम -
प्रथम पुरस्कार - शिवानी धामा, इतिहास विभाग
द्वितीय पुरस्कार - तसनीफ जेहरा, वाणिज्य विभाग
तृतीय पुरस्कार - प्रियंका वर्मा, भूगोल विभाग
सांत्वना पुरस्कार - शुभम शर्मा, वनस्पति विज्ञान विभाग
एकल काव्य पाठ प्रतियोगिता के प्रतिभागियों का नाम - मो॰ ताहिर, पूर्णिमा, रूद्रेश कुमार उपाध्याय, प्रशांत कुमार, रिचा सिंह, उज़्मा, साक्षी आर्य, सार्थक गर्ग, मो॰ आजम, खुशी गोस्वामी, ख्याति भारद्वाज, पूजा यादव, राशि विरमानी, राजश्री गोयल, कशिश गालियान, शुभम शर्मा, संदीप मिश्रा, आदि विद्यार्थियो ने प्रतिभाग किया।
एकल काव्य पाठ प्रतियोगिता
प्रथम पुरस्कार - संदीप मिश्रा, अनुवांशिकी विभाग
द्वितीय पुरस्कार - पूजा यादव, हिंदी विभाग
तृतीय पुरस्कार - रिया सिंह, हिंदी विभाग
सांत्वना पुरस्कार - उज़्मा चौधरी, गृह विज्ञान विभाग
कार्यक्रम से पूर्व हिदी साहित्यकार कुटीर में प्रो॰ नवीन चन्द्र लोहनी, प्रो॰ के॰ के॰ शर्मा, प्रो॰ कविता त्यागी तथा हिंदी विभाग के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा साहित्यकारों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया।
कार्यक्रम में भाषण प्रतियोगिता का संचालन डॉ॰ यज्ञेश कुमार ने किया तथा एकल काव्य पाठ का संचालन डॉ॰ प्रवीण कटारिया ने किया। डॉ॰ अंजू ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस अवसर पर प्रोफेसर राकेश कुमार शर्मा , डॉ विद्यासागर सिंह, विनय कुमार, सचिन कुमार, रेखा सोम, प्रतीक्षा, नेहा रानी, विक्रांत, साजिद सैफी, सपना, सुहानी राणा, आयुषी, नेहा ठाकुर आदि उपस्थित रहे।
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