दिनांक २३ मार्च २०२३ को हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के प्रो॰ नवीन चन्द्र लोहनी, संकायाध्यक्ष कला एवं अध्यक्ष हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग तथा सहायक आचार्य डॉ० अंजू के साथ पीएच० डी० के विद्यार्थी श्री विनय कुमार, कु० पूजा, पूजा कसाना, कु० अंकिता तिवारी ने केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा की यात्रा की, जिसमें दोनों संस्थानों में अध्ययन अध्यापन के विषयों पर परिचर्चा की गई.
केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के मध्य संपन्न शैक्षणिक एवं शोध सहभागिता समझौता ज्ञापन के संदर्भ में एक शैक्षणिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के अटल बिहारी वाजपेयी अंतरराष्ट्रीय सभागार स्थिति समिति कक्ष में दिनांक 23.03.2023 को संपन्न हुआ। कार्यक्रम में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ का प्रतिनिधि मंडल विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष एवं कला संकायाध्यक्ष प्रो. नवीन चंद्र लोहानी के नेतृत्व में सम्मिलित हुआ जिसमें उनके विभागीय सहयोगी शिक्षक और हिंदी विभाग के शोधार्थी सम्मिलित थे। केंद्रीय हिंदी संस्थान की ओर से उक्त कार्यक्रम में विभिन्न अकादमिक विभागों के अध्यक्ष और संस्थान के स्वदेशी विदेशी एवं नवीकरण पाठ्यक्रमों के प्रतिभागी विद्यार्थी उपस्थित हुए।
संवाद कार्यक्रम में दोनों संस्थाओं के बीच शैक्षणिक एवं शोध कार्य संबंधी आगामी कार्य-योजनाओं की रूपरेखा पर चर्चा की गयी। अपने स्वागत भाषण में संस्थान के शैक्षणिक समन्वयक प्रो. हरिशंकर ने हिंदीतर क्षेत्रों में हिंदी के बहुआयामी विकास से जुड़ी केंद्रीय हिंदी संस्थान की गतिविधियों का उल्लेख करते हुए आशा व्यक्त की कि मेरठ विश्वविद्यालय और संस्थान शैक्षणिक और शोधपरक कार्यक्रमों में एक-दूसरे का सहयोग करने के लिए छात्रोपयोगी योजनाएं तैयार करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान दोनों संस्थाओं के प्रतिनिधियों का औपचारिक परिचय हुआ जिसके बाद दोनों संस्थाओं की अकादमिक गतिविधियों पर आधारित प्रेज़़ेंटेशन दिया गया। बैठक में उपस्थित शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने दोनों संस्थाओं के बीच विगत वर्ष हुए समझौता ज्ञापन की प्रशंसा करते हुए माना कि इसका लाभ उन्हें अपने शैक्षणिक और शोधपरक अध्ययन को विकसित करने के लिए प्राप्त होगा। दोनों संस्थाओं के शैक्षणिक संसाधनों का लाभ एक-दूसरे को मिलेगा और समय-समय पर आयोजित होने वाले अकादमिक कार्यक्रमों और शोधपरक योजनाओं के माध्यम से हिंदी भाषा, साहित्य, लोक संस्कृति, शिक्षा आदि क्षेत्रों में एक-दूसरे के अनुभवों को साझा किया जा सकेगा।
बैठक के दौरान विशेष रूप से हिंदी एवं स्थानीय भाषा साहित्य के तुलनात्मक अध्ययन, खड़ी बोली (कौरवी) लोक शब्दकोश निर्माण, प्रवासी साहित्य विषयक शोध अध्ययन और प्रयोजनमूलक दृष्टि से भाषा विकास एवं आधुनिकीकरण पर चर्चा हुई और परस्पर सहयोग की संभावनाओं पर विचार किया गया। केंद्रीय हिंदी संस्थान के शिक्षक इस शैक्षणिक समझौते के तहत मेरठ विश्वविद्यालय के पी.एच.डी. शोध कार्यक्रमों में सह-शोध निर्देशक के रूप में जुड़ सकेंगे। दोनों संस्थाओं के विद्यार्थी एवं शोधार्थी शोध एवं शिक्षण संबंधी कार्यों के लिए समय-समय पर एक-दूसरे के शैक्षणिक परिसर और वहां उपलब्ध शैक्षणिक संसाधनों का नियमानुसार उपयोग कर सकेंगे। दोनों संस्थाओं में आयोजित होने वाले सेमिनार, वर्कशॉप आदि कार्यक्रमों में शिक्षकगण, शोधार्थी एवं विद्यार्थी सहभागिता कर सकेंगे और इस समझौता ज्ञापन के उद्देश्यों के अनुकूल अन्य साझे अकादमिक कार्यक्रमों का आयोजन एवं संचालन भविष्य में किया जा सकेगा।
मेरठ विश्वविद्यालय के दल का नेतृत्व कर रहे प्रो. लोहनी ने आशा व्यक्त की कि इस अकादमिक वर्ष के दौरान समझौता ज्ञापन के अनुरूप शैक्षणिक और शोधपरक गतिविधियों को गतिपूर्वक आगे बढ़ाया जाएगा और दोनों संस्थान मिलकर हिंदी के व्यापक हित संवर्धन के लिए कार्य करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही संस्थान की निदेशक प्रो. बीना शर्मा ने समझौता ज्ञापन में उल्लिखित कार्य बिंदुओं पर आधारित शैक्षणिक चर्चा-परिचर्चा और परस्पर सहयोग को विभिन्न विषय क्षेत्रों में आगे बढ़ाने की बात कही और विश्वास व्यक्त किया कि दोनों संस्थाओं के शिक्षक, विद्यार्थी और शोधार्थी इससे लाभांवित होंगे।
कार्यक्रम में संस्थान की ओर से डॉ. सपना गुप्ता, डॉ. जोगेंद्र सिंह मीणा, डॉ. निरंजन सिंह, डॉ. राजवीर सिंह और श्री केशरी नंदन एवं मेरठ विश्वविद्यालय की ओर से डॉ. अंजू, कु. पूजा, अंकिता तिवारी, पूजा यादव और विनय कुमार, भुवन नेगी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में गुजरात की प्राध्यापिका डॉ सोनल पटेल
केंद्रीय हिंदी संस्थान में अध्ययनरत श्रीलंका के लक्षि मलिका, सँदनी सदरुवनी, इमाली दर्शिका, नाइजीरिया के आलियू, ताजिकिस्तान की ईरोदा भी शामिल हुए, एवं संस्थान तथा हिंदी शिक्षण संबंधी अपने अनुभव सुनाए।
संवाद कार्यक्रम से पहले विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों ने संस्थान पुस्तकालय और परिसर का संदर्शन किया।
कार्यक्रम संयोजन एवं संचालन अनुपम श्रीवास्तव ने किया तकनीकी व्यवस्थाओं में श्री अनिल कुमार पाण्डे ने सहयोग किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सपना गुप्ता द्वारा किया गया।
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