13/09/2011हिन्दी दिवस को ’भारतीय भाषा दिवस’ के रूप में विस्तार दिया जाना जरूरी है : प्रो0 केदारनाथ सिंह : अखवारों और वेब पर प्रतिक्रियाएं
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नमस्कार, हिंदी दिवस के उपलक्ष में, हिंदी के ऊपर चर्चा की गई.. उस के लिए हार्दिक बंधाई.. !
ReplyDeleteचिंता अखबारों के पन्नों से निकल कर, यहाँ ब्लॉग तक आ गई.. विश्वविद्यालय का हिंदी विभाग क कार्यक्रम कमरे में ही बंद रहा.. छायाचित्रो से यही प्रतीत हो रहा है.. जबकि विश्वविद्यालय में बड़ा समारोह स्थल है.. और खुला मैदान भी काफी बड़ा है.. !
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मेरठ जो की खड़ी बोली का गढ़ है.. वह जब चिंता कमरों में बंद हो कर की जाए तो ये वास्तव में चिंता क विषय है.. !!
आपका अरुण सिंह रूहेला (परास्नातक भौतिक शास्त्र, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, २००३)