जरुरी सूचना

आप सभी का मंथन पत्रिका के इन्टरनेट संस्करण पर स्वागत है ।

Free Website Templates

Wednesday, December 13, 2023

‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं भारतीय भाषाएं’ विषय पर वेबगोष्ठी का आयोजन

दिनांक 11 दिसम्बर 2023 को भारतीय भाषा दिवस 2023 के अवसर पर हिंदी एंव  आधुनिक भारतीय भाषा विभाग द्वारा ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं भारतीय भाषाएं’ विषय पर वेबगोष्ठी का आयोजन किया गया। वेबगोष्ठी की अध्यक्षता प्रो॰ टी॰ वी॰ कट्टीमनी, मा॰ कुलपति, आंध्रप्रदेश केन्द्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय, आंधप्रदेश ने की। संगोष्ठी में विषय विशेषज्ञ प्रो॰ कमलेश चौकसी, निदेशक, भारतीय भाषा भवन, गुजरात विश्वविद्यालय, अहमदाबाद, डॉ॰ जोनाली बरूआ, सह आचार्य, हिंदी विभाग, असम, प्रो॰ वाचस्पति मिश्र, समन्वयक, संस्कृत विभाग, प्रो॰ नवीन चन्द्र लोहनी, अध्यक्ष हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग रहे।

प्रो॰ टी॰ वी॰ कट्टीमनी ने कहा कि अध्ययन अध्यापन के स्तर को बनाए रखने के लिए पाठ्यक्रम को इस प्रकार व्यवस्थित करें कि उसमंे भारतीय भाषाओं के लिए जगह बनेे। साथ ही उच्च स्तर पर रोजगार सृजित किए जाए। रोजगार के क्षेत्र में नए राजगार क्षेत्र निर्मित हो रहे हैं जिनमें अनुवाद और Content Writing नया क्षेत्र है। शिक्षक को हमेशा विद्यार्थी की भूमिका में रहना चाहिए ताकि वह नवोन्मेषी दृष्टि से लैस होकर राष्ट्रनिर्माण में अपनी भूमिका निभा सके। नई शिक्षा नीति में नई संभाव्यता है जिसमें भाषा साहित्य एवं संस्कृति का उत्थान समाहित है। 

प्रो॰ नवीन चन्द्र लोहनी ने कहा कि सुब्रह्यण्यम भारती जी ने विभिन्न धाराओं में साहित्य रचना की है। भारत की पंजाबी, तमिल, तेलुगु, उर्दू, आदि भारतीय भाषाएं विश्वस्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं। भारतीय शासन प्रशासन भी भारतीय भाषाओं में कामकाज को लेकर दृढ़ प्रतिज्ञ है और भारतीय भाषाओं मंे कार्य, शोध और अध्ययन को प्रोत्साहित कर रहे हैं। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय भाषाओं में विश्वस्तरीय कार्य हो रहे हैं। विश्वविद्यालय स्तर पर क्षेत्रीय भाषाओं में अध्ययन और शोध कार्य हो रहे है। भारतीय भाषाओं में लिपि के स्तर पर अध्ययन का नया क्षेत्र शोध के लिए खुला है। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के अन्तर्गत अध्ययन और शोध क्षेत्रीय बोलियों को भी केन्द्र में लेकर आएगा। संस्कृत में ज्ञान की विस्तृत परम्परा है।  

प्रो॰ कमलेश चौकसी ने कहा कि संसार के प्रत्येक प्राणी की एक भाषा है। जैसे माँ से प्राणी का संबंध है, वैसा ही संबंध भाषा से है। हमारे पास समुद्र के रूप में संस्कृत भाषा है। हमारे पास समृद्ध रूप में अनेक भाषाएं और बोलियां है। अपनी भाषा और बोलियों के विकास में सहयोग करने से आपका जीवन सार्थक हो सकता है। 

प्रो॰ वाचस्पति मिश्र ने कहा कि जब तक हम भारतीय भाषाओं को महत्व नहीं देगंे तब तक विश्वगुरू बनने की इच्छा कल्पना ही रहेगी।

डॉ॰ जोनाली बरूआ ने कहा कि भाषा विकास के लिए अनुवाद और परिभाषिक शब्दावली का निमार्ण होना अनिवार्य है। 

अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन प्रो॰ नवीन चन्द्र लोहनी ने किया। वेबगोष्ठी का संचालन डॉ॰ विद्या सागर सिंह ने किया। 

कार्यक्रम में डॉ॰ अंजू, डॉ॰ आरती राणा, डॉ॰ यज्ञेश कुमार, पूजा यादव, कु॰ पूजा, रेखा प्रिंसी, प्रियंका, मोनिका, आयुषी, विक्रांत, रिया सिंह, साक्षी मलिक, अरशदा रिजवी आदि शामिल हुए।







Sunday, December 10, 2023

भारतीय भाषा दिवस 2023

 भारतीय भाषा दिवस

कृपया उक्त कार्यक्रम में प्रतिभागिता हेतु
आज 2 बजे दोपहर जुड़ने की कृपा करें।







Saturday, November 25, 2023

नव आगत विद्यार्थियों के लिए स्वागत समारोह का आयोजन

 दिनांक 18 नवंबर 2023 को हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में नव आगत विद्यार्थियों के स्वागत के लिए स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता  विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए समय का महत्व अत्यधिक होता है, हमें समय के महत्व को समझना चाहिए और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। नवागत विद्यार्थियों को उन्होंने शुभकामनाएं दी। विभाग के शिक्षक डॉ अंजू ,डॉक्टर आरती राणा, डॉक्टर प्रवीण कटारिया और डॉक्टर यज्ञेश कुमार ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर विभाग के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए। 

कार्यक्रम में मिस फ्रेशर एमo ए o प्रथम वर्ष की छात्रा नेहा और मिस्टर फ्रेशर एमo ए o  प्रथम वर्ष के छात्र शौर्य रहे।

कार्यक्रम का संचालन एमo एo प्रथम वर्ष की छात्रा कीर्ति ने किया।

इस अवसर पर पीएचoडीo से पूजा यादव, विनय कुमार, प्री पीएचo डीo से उपेंद्र, सचिन, शशि, सुमन, काजल, मोनिका, एमo ए o द्वितीय वर्ष से राखी, गरिमा, नेहा, प्रतीक्षा, प्रिंस, अंजलि, शीबा, एमo एo प्रथम वर्ष से नेहा, शौर्य आयुषी,प्रियंका, राजकुमार, विक्रांत, रिया आदि उपस्थित रहे।
















Friday, November 24, 2023

'दीपोत्सव'

दिनांक 10 नवंबर 2023 को हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में दीपावली के अवसर पर 'दीपोत्सव' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुई। इस अवसर पर विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी ने कहा कि दीपावली उत्सव का त्यौहार है। यह हमारी सांस्कृतिक विशेषताओं को उद्घाटित करता है। हर्ष, प्रसन्नता, उत्साह का संचार हमारे जीवन में त्योहारों के माध्यम से होता है। दीपावली सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी धूमधाम से मनाया जाता है। यह अंधकार के नाश और ज्ञान के प्रकाश का उत्सव है। जीवन में जो भी सकारात्मक है, वह ज्ञान से जुड़ा हुआ है इसलिए अज्ञान का अंधेरा मिटाने के लिए ज्ञान का प्रकाश अवश्य होना चाहिए। शिक्षा संस्थान इसी उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ते हैं और नई पीढ़ियों को तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने देश और समाज के हित में कार्य करने चाहिए जिससे हमारी शिक्षा का उद्देश्य पूर्ण हो सके।

 इस अवसर पर डॉक्टर अंजु, डॉक्टर आरती राणा, डॉक्टर  प्रवीण कटारिया और डॉक्टर यजेश कुमार ने दीपावली की शुभकामनाएं दी और विद्यार्थियों को शुभ संदेश प्रेषित किया। इस अवसर पर  पीएचoडीo के शोध छात्र कुमारी पूजा, श्री विनय कुमार उपस्थित रहे प्रीo पीएचo डीo के विद्यार्थी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।







सेमिनार आयोजन की तिथि परिवर्तन के सन्दर्भ में 





दिनांक 1-2 दिसंबर 2023 को आयोजित होने वाला सेमिनार अब दिनांक 19-20 फरवरी  को आयोजित होगा। आप सभी सादर  आमंत्रित हैं। शोध सारांश भेजने की अंतिम तिथि 10 जनवरी 2024 है.

धन्यवाद  







Tuesday, October 17, 2023

1 से 2 दिसंबर 2023 को आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 'हिंदी भाषा के विकास में विदेशियों और हिंदीतर भाषियों का योगदान' का ब्रोशर और रजिस्ट्रेशन लिंक का शुभारंभ

 आज दिनांक 17.10.2023 को हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग के सभागार में डॉक्टर जे0सी0 भट्ट, पूर्व प्रवक्ता बिरला पीजी कॉलेज, गढ़वाल विश्वविद्यालय एवं पूर्व निदेशक पर्वतीय कृषि, प्रोफेसर दिव्या भट्ट पूर्व आचार्य, हिंदी विभाग, कुमाऊं विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा परिसर उत्तराखंड, प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी, अध्यक्ष, हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग ने दिनांक 1 से 2 दिसंबर 2023 को आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 'हिंदी भाषा के विकास में विदेशियों और हिंदीतर भाषियों का योगदान' का ब्रोशर और रजिस्ट्रेशन लिंक का शुभारंभ किया।

 इस अवसर पर प्रोफेसर जे0सी0 भट्ट ने कहा कि हिंदी के विकास में हिंदी से इतर क्षेत्रों और भाषियों के योगदान पर भी चर्चा की जानी चाहिए। हमने कृषि की विकसित टेक्नोलॉजी को किसानों तक पहुंचाने के लिए हिंदी में ही पुस्तक उपलब्ध कराई। यह संगोष्ठी निश्चय ही हिंदी के विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा का माध्यम बनेगी।

 प्रोफेसर दिवा भट्ट ने कहा कि हिंदी का विकास केवल हिंदी क्षेत्र में न होकर हिंदी से इतर क्षेत्रों में भी हुआ है। विदेशों में हिंदी के विकास पर चर्चा की जानी चाहिये और उनके योगदान को भी चर्चा में लाया जाना चाहिए, इस संदर्भ में यह संगोष्ठी अवश्य ही महत्वपूर्ण कार्य करेगी।

 प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी ने कहा कि यह संगोष्ठी इन्हीं उद्देश्यों को लेकर आयोजित की जा रही है  विदेशों में हिंदी लेखन की विस्तृत परंपरा बन चुकी है, जिसका सम्यक अवलोकन और विश्लेषण होना आवश्यक है साथ ही भारत में भी जो क्षेत्र हिंदी भाषी नहीं हैं वहां जो साहित्य रचा जा रहा है उसका विश्लेषण भी आवश्यक है। इस संदर्भ में यह संगोष्ठी महत्वपूर्ण होगी और हिंदी शोधार्थियों और विद्यार्थियों के लिए लाभप्रद रहेगी। इस अवसर पर विभाग के शिक्षक डॉ अंजू, डॉ आरती राणा, डॉ प्रवीण कटारिया, डॉ विद्यासागर सिंह, शोधार्थी पूजा, विनय, पूजा यादव और प्री0 पीएच0 डी0 के विद्यार्थी उपेंद्र, सचिन, दीपक, शिवा आदि उपस्थित रहे।

Link: https://docs.google.com/forms/d/1_fW9Jd8aTuzNs7woy6egZiSNZtdvatmvTX9435NqE8Q/edit?pli=1














Saturday, September 16, 2023

हिंदी दिवस समारोह 2023 : संगोष्ठी ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता और तकनीक में हिंदी’ का आयोजन

                                   

दिनांक 14 सितम्बर 2023 को हिंदी दिवस 2023 के अवसर पर हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा संगोष्ठी ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता और तकनीक में हिंदी’ का आयोजन किया गया तथा प्रथम दिन आयोजित निबंध लेखन तथा आशुभाषण प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।  

आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो॰ संजीव कुमार शर्मा, संकायाध्यक्ष कला ने की। मुख्य अतिथि डॉ॰ मृदुल कीर्ति, साहित्यकार, आस्टेªलिया, विशिष्ट अतिथि प्रो॰ राजनारायण शुक्ल, पूर्व अध्यक्ष, उ॰प्र॰ भाषा संस्थान, विशिष्ट अतिथि श्री प्रतिबिंब बड़थ्वाल, महामंत्री हिंदी साहित्य भारतीय, श्री नीलाभ श्रीवास्तव, नॉटनल, लखनऊ रहे। 

कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो॰ संजीव शर्मा, संकायाध्यक्ष कला ने कहा कि सरलीकरण के नाम पर हमने हिंदी का बहुत अधिक दुषण कर लिया है। मीडिया और फिल्मों ने इस प्रवृति को बढ़ाया है। फिल्मों ने शुद्ध हिंदी को उपहास का पात्र बनाया, संस्कृतनिष्ठ, तत्समप्रधान, कलिष्ट कह कर हिंदी को शुद्धता से दूर कर दिया गया है। हिंदी साहित्यकार हमारे मानक है जिनसे सीखा जा सकता है कि हिंदी का प्रयोग कैसे करें। भाषा विकास का वाहन है, हिंदी की मूल संरचना से छेड़छाड न करें। आज ही हिंदी में हस्ताक्षर करने का संकल्प लें। 

डॉ॰ मृदुल कीर्ति ने कहा कि विदेशी वास का यह तात्पर्य बिल्कुल भी नहीं है कि हम अपनी जड़ों से कट जाए। भाषा में संस्कृति, सभ्यता और संस्कार तीनों समाहित हैं। सांस्कृतिक ग्रंथों  को तकनीक से जोड़ा जाना चाहिए और ऐसा किया भी जा रहा है। 

प्रो॰ राजनारायण शुक्ल, पूर्व अध्यक्ष, उ॰प्र॰ भाषा संस्थान ने कहा कि संविधान निर्माण के समय जब देश को गढ़ा जा रहा था तब भाषा के नाम पर उसे अनगढ़ रह जाने दिया गया। हिंदी को पूर्ण रूप में राजभाषा बनाया जाना चाहिए, वैकल्पिक रूप में नहीं। हिंदी दिवस केवल हिंदी विभागों में ही नहीं मनाया जाना चाहिए बल्कि इसे विश्वविद्यालय स्तर पर मनाया जाना चाहिए और शिक्षा का हर विषय हिंदी में पढ़ाया जाना चाहिए। आज का समय तकनीकी समय है, इसलिए हमें तकनीक के साथ-साथ चलना चाहिए। 

श्री प्रतिबिंब बड़थ्वाल ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रश्न आज के दौर का प्रासंगिक विषय है, क्योंकि दुनिया तेजी से तकनीक की ओर बढ़ रही है। तकनीक के प्रयोग से भाषाओं की दूरी कम होगी। कृत्रिम बुद्धिमत्ता हिंदी के स्थाई विकास का आधार बन सकती है।

श्री नीलाभ श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना काल के पश्चात तकनीक का प्रयोग आम जीवन और शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ा है। तकनीक ने जीवन को तेजी से बदती है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता से मशीनी कार्य शक्ति की सामर्थ्य बढी है। हिंदी में फॉट प्रयोग की समस्या बहुत अधिक है। इसका कारण यूनिकोड फॉट का प्रयोग करने की आदत का न होना भी है। माईक्रो साफ्ट और गुगल जैसी कम्पनियाँ भारतीय भाषा वैज्ञानिकों के साथ काम करना चाहती हैं। हिंदी की डिक्शनी और थिसायरस माईक्रोसॉफ्ट और गुगल पर बहुत कमजोर है जिस कारण वर्तनी की गलतियाँ का सुधार नहीं हो पाता। मशीनी अनुवाद भाव को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के सकारात्मकता और नकारात्मकता मानव जाति को ही प्रभावित करेगी। इसलिए हमें स्वयं को बहतर बनाना है। जिससे आपसी सामंजस्य स्थापित किया जा सके।


निबंध लेखन प्रतियोगिता का परिणाम निम्नानुसार रहा -

प्रथम पुरस्कार  - फरहत, उर्दू विभाग

द्वितीय पुरस्कार - कपिल, पत्रकारिता विभाग

तृतीय पुरस्कार - गरिमा सिंह, हिंदी विभाग

सांत्वना पुरस्कार - हिमांशी देवी, विधि विभाग

सांत्वना पुरस्कार - शशी यादव, सर छोटू राम इंस्टीट्यूट


आशुभाषण प्रतियोगिता का परिणाम निम्नानुसार रहा -

प्रथम पुरस्कार  - कीर्ति मिश्रा, हिंदी विभाग

द्वितीय पुरस्कार - मुकुन्द शर्मा, भौतिक विज्ञान

तृतीय पुरस्कार - रजत चौधरी, विधि विभाग

सांत्वना पुरस्कार - मुलनिदेश्वर पाल, अर्थशास्त्र विभाग

सांत्वना पुरस्कार - गरिमा सिंह, हिंदी विभाग


कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत आयोजन सचिव डॉ॰ प्रवीण कटारिया, सहायक आचार्य (संविदा) ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ॰ विद्यासागर सिंह, सहायक आचार्य (संविदा) ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ॰ अंजू, सहायक आचार्य (संविदा) ने किया।

कार्यक्रम में प्रो॰ दिनेश कुमार, डॉ॰ आसिफ अली, डॉ॰ ओमपाल शास्त्री, डॉ॰ आरती राणा, डॉ॰ विनय कुमार, प्रियंका कुशवाहा, आयुषी त्यागी, सचिन कुमार, उपेन्द्र कुमार, शिवा, धीरज, अंशिका, अंतरा शर्मा, हिमांशी, ज्योति शर्मा, भानुप्रिया मलिक, अल्बर्ट, प्रिंस, संजना, फरहत, नुजहत, गुलफिंशा, कहकशां, सिद्धार्थ, आदित्य शर्मा, मुकुंद, लायबा, कीर्ति, अरशी, मंयक, रजत आदि उपस्थित रहे।

































Friday, September 15, 2023

हिंदी दिवस समारोह 2023 : आशुभाषण प्रतियोगिता एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन

                                    

दिनांक 2023 को हिंदी दिवस 2023 के अवसर पर हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा आशुभाषण प्रतियोगिता एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। 

आशुभाषण प्रतियोगिता में कई विभागों से 12 छात्र-छात्राओं ने तथा निबंध लेखन प्रतियोगिता में 22 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। आशुभाषण प्रतियोगिता में डॉ॰ गजेन्द्र सिंह, पूर्व प्राचार्य, डी॰ जे॰ कॉलिज, बडौत, डॉ॰ विवेक सिंह, सह आचार्य, आई॰आई॰एम॰टी॰ विश्वविद्यालय, मेरठ एवं श्री अशोक गौड़, पूर्व राजभाषा अधिकारी, नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी रहे। आयोजन सचिव डॉ॰ प्रवीण कटारिया सहायक आचार्य (संविदा) रहे। 

कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो॰ नवीन चन्द्र लोहनी, अध्यक्ष हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग ने कहा कि हिंदी दिवस एक दिन का औपचारिक समारोह नहीं है। हमें दैनिक व्यवहार और व्यवसाय में हिंदी का प्रयोग करने पर जोर देना चाहिए। हिंदी वैश्विक भाषा बनें, इसके लिए हमें हिंदी को मजबूत करना होगा। हिंदी केवल साहित्य की भाषा न रहे बल्कि विज्ञान, वाणिज्य, तकनीक आदि विषयों में भी हिदी में काम होना चाहिए। हिंदी के प्रति सकारात्मक भाव भूमि ही विश्व गुरू का आधार बनेगी। विद्यार्थियों को ऐसी प्रतियोगिताओं में भागीदारी करनी चाहिए। इससे आत्मविश्वास तो बढ़ता ही है साथ ही विश्लेषण क्षमता भी विकसित होती है। 

डॉ॰ गजेन्द्र सिंह, पूर्व प्राचार्य, डी॰ जे॰ कॉलिज, बड़ौत ने कहा कि हिंदी सरल और सहज भाषा है। भारत की अधिकांश भाषाओं पर हिंदी का प्रभाव है। हिंदी भाषियों को अपने उच्चारण और वर्तनी पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। हिंदी हमारी मातृ भाषा है और हिंदी को पूर्ण रूप में राजभाषा बनाया जाना चाहिए। भारत हिंदी को आधार बनाकर ही विश्व में अपनी पहचान बना सकता है। 

डॉ॰ विवेक सिंह, सह आचार्य, आई॰आई॰एम॰टी॰ विश्वविद्यालय, मेरठ ने कहा कि हिंदी हमारे सपनों की भाषा है। हिंदी के विषय में हमें जागरूक होना चाहिए। रोजगार के प्रत्येक क्षेत्र में हिंदी की स्थिति मजबूत होनी चाहिए। भारत आज अपनी पहचान विश्व स्तर तक बना रहा है। नासा के वैज्ञानिक भी इसरो के साथ काम करना चाहते हैं। हिंदी को विज्ञान और तकनीक की भाषा के रूप में विकसित करना आवश्यक है। अपनी बात कहने के लिए प्रत्येक विषय में एक अपना शब्द कोश होना चाहिए। जिससे हम अपनी बात प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत कर सकें।  

श्री अशोक गौड़, पूर्व राजभाषा अधिकारी, नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी ने कहा कि हिंदी पूरे भारत वर्ष में बोली जाती है। नवीन पीढ़ी पठन-पाठन से दूर होती जा रही है। हिंदी के प्रति एक विस्तृत दृष्टिकोण रखना चाहिए। पाठयक्रम से इतर भी अपना अध्ययन विस्तृत करो और गर्व के साथ हिंदी बोलिए।  कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत डॉ॰ अंजू, सहायक आचार्य (संविदा) तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ॰ आरती राणा, सहायक आचार्य (संविदा) ने किया। कार्यक्रम का संचालन कु॰ पूजा शोधार्थी, हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग ने किया।

कार्यक्रम में डॉ॰ विद्यासागर सिंह, विनय कुमार, प्रियंका कुशवाहा, आयुषी त्यागी, सचिन कुमार, उपेन्द्र कुमार, शिवा, गरिमा, धीरज, अंशिका, अंतरा शर्मा, कपिल, हिमांशी, ज्योति शर्मा, भानुप्रिया मलिक, शशि यादव, अल्बर्ट, प्रिंस, संजना, फरहत, नुजहत, गुलफिंशा, कहकशां, सिद्धार्थ, आदित्य शर्मा, मुकुंद, लायबा, कीर्ति, अरशी, मंयक, रजत आदि उपस्थित रहे।






















आप सभी का मंथन विचार पत्रिका के इन्टरनेट संस्करण में स्वागत है..

"कैमरे के फ़ोकस में - मंथन पत्रिका और विभागीय गतिविधियाँ " को ब्लॉग के बायीं ओर लिंक सूची में देखें .......