पुरातन छात्र परिषद के फेसबुक पेज पर यह पहला लाइव कार्यक्रम हुआ। जिसमें अमित भारतीय जी का उम्दा काव्य पाठ का आयोजन किया गया। अमित जी केनरा बैंक मेरठ में मैनेजर हैं। काव्य पाठ की शुरूआत में ड़ा रवीन्द्र राणा ने इनका स्वागत किया। लगभग एक घंटे के इस काव्य पाठ में भारत के कई राज्यों से श्रोताओं ने शिरकत की । सभी ने उनके काव्य पाठ की भूरी भूरी प्रशंसा की ।
गुरु को समर्पित पंक्तियां---
तुम्हारे नाम की दौलत कहीं से मिल नही सकती, बिना गुरुदेव के बच्चों की बगिया खिल सकती।।
नफरतों को जो लेकर चले, रास्ते में ही जल जाएंगे, गर मिली प्यार की रोशनी सबसे आगे निकल जाएंगे।।
प्रोफ नवीन चंद्र लोहनी को समर्पित की ये कविता---
जो भी अपने ख्वाब के लिये जान ओ जुनून तक गया, सब कहानी देख लीजिए, वो ही आसमान तक गया।।
मां को समर्पित कविता----
खड़ा हूँ गर बुलंदी पर तो माँ तो तेरी बदौलत हूँ, मैं बूढ़ी हो चुकी आंखों के ख्वाबों की हकीकत हूँ, बस उस दिन से कभी न कोई आइना देखा, मुझे मां ने कहा था, की मैं सबसे ख़ूबसूरत हूँ।।
पिता को समर्पित कविता---
मैं जिनका अंश हूँ, वो मुझसे अलग हो नहीं सकते, के जब तक घर न सो जाय, पापा सो नहीं सकते, अरी मम्मी तुम रोकर मन को हल्का कर तो लेती हो, पापा समंदर है, के समंदर रो नहीं सकता।।
जो काम छोड़ने थे, काम वो ही किये बहुत, जरा सी उम्र में ही झगड़े जान के लिये बहुत,
रहे जो होश में तो सारी जिंदगी घुटन रही, हुए जो बेखबर तो एक पल में ही जिए बहुत।।
भलाई नेकिया करने की आदत मार ड़ालेगी किसी दिन उसको उसकी ही शराफत मार डालेगी
हमें इस दौर में महजब की नफरत मार ड़ालेगी अगर बच भी गए तो फिर सियासत मार ड़ालेगी।।
वक्त और उम्र की बातें बेकार है, आज भी मुझसे तुमसे वही प्यार है।।
इस लाइव कार्यक्रम में, प्रोफ नवीन चंद्र लोहनी, डॉ रविन्द्र राणा, श्री शैलेश जोशी, डॉ आरती राणा, डॉ अंजू, गौरव भारती, अंकुर तोमर, कीर्ति मालिक वृंदा शर्मा, डॉ उमा उपाध्याय आदि श्रोताओं ने लाइव कविता पाठ का आनंद लिया।
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