जरुरी सूचना

आप सभी का मंथन पत्रिका के इन्टरनेट संस्करण पर स्वागत है ।

Free Website Templates

Saturday, July 3, 2010

राजभाषा समर्थन समिति

राजभाषा समर्थन समिति
(भारत में हिन्दी प्रयोग लागू कराने हेतु एकजुट लोगों की संस्था)

महोदय/महोदया,

हिन्दी विभाग द्वारा दिनांक 12-14 फरवरी 2010 को आयोजित अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ था कि ‘‘राष्ट्र मण्डल खेलों में हिन्दी प्रयोग को विज्ञापनों/होर्डिंग्स/सरकारी प्रपत्रों तथा आयोजक संस्थाओं द्वारा बढ़ावा दिया जाए।’’ यह प्रस्ताव संसदीय राजभाषा समिति के सदस्य तथा सांसद श्री राजेन्द्र अग्रवाल के द्वारा प्रस्तुत किया गया था। प्रस्ताव मंचस्थ तथा सम्मुख उपस्थित सभी प्रतिभागियों द्वारा समर्थन कर पारित किया था।

हिन्दी भारत की राजभाषा है और राष्ट्र मण्डल खेल के आयोजन स्थल के आस-पास प्रमुखता से बोली जाने वाली भाषा है। ऐसे में उक्त प्रस्ताव के आलोक में आयोजकों एवं सरकारी विभागों तथा अन्य संस्थाओं के संज्ञान में यह प्रस्ताव लाया जाना है। इस हेतु दिनांक 07 जुलाई 2010 को एक बैठक सायं 05 बजे चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर स्थित बृहस्पति भवन में आहूत की जा रही है। इसमें राजभाषा को अन्तरराष्ट्रीय आयोजनों में प्रमुखता से महत्व देने संबंधी विचार-विमर्श कर संगोष्ठी के मन्तव्य को आमजन एवं सरकार तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा। कोई भी देश हमारी भाषा का तब तक सम्मान नहीं कर सकता जब तक हम स्वयं नहीं करेंगे। आवश्यकता है कि ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के समय में हम देश के बहुसंख्यक वर्ग की भाषा हिन्दी के महत्व को आमजन तक पहुचाएँ  ।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सहित देश के प्रमुख स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी इसलिए देश की भाषा का प्रश्न प्रमुखता से उठाते थे, स्पष्ट है कि राष्ट्रभाषा का प्रश्न जनभावना से जुड़ा है, अतः राजभाषा के इस प्रश्न को प्रस्ताव को क्रियान्वित करने के लिए ‘राजभाषा समर्थन समिति’ का गठन किया गया है। हमारा विचार है कि:-

1. जब चीन में ओलंपिक खेलों के दौरान चीनी भाषा का प्रयोग हो सकता है तो भारत में आयोजित खेलों की नियमावली और होर्डिंग्स हिन्दी में क्यों नहीं हो सकते।

2. आयोजन में आने वाले गैर हिन्दी भाषी खिलाड़ियों और प्रतिनिधियों को अनुवादक उपलब्ध कराये जा सकते हैं। जैसा कि प्रायः हर अन्तरराष्ट्रीय आयोजन में अन्य भाषा-भाषी लोग करते हैं।

3. राष्ट्रमण्डल खेलों में हिन्दी के प्रयोग द्वारा हम भारत की छवि को पूरी दुनिया के सामने मजबूती के साथ स्थापित कर सकते हैं।

4. यदि हम राष्ट्रमण्डल खेलों में हिंदी प्रयोग करते हैं तो अनुवादकों की आवश्यकता पड़ेगी। इससे अनुवादकों को रोजगार प्राप्ति हो सकेगी।

5. राष्ट्रमण्डल खेल हिन्दी भाषा के लिए बड़ी संभावनाओं को खोल सकते हैं, अगर हम हिंदी का इन खेलों के दौरान अधिक से अधिक प्रयोग करेंगे। विदेशी लोगों  का भी हिन्दी के प्रति आकर्षण बढेगा। इससे हिंदी के शिक्षण, पठन-पाठन की विदेशों में भी संभावनाएं बढेंगी।

6. अनुच्छेद 344 के अनुसार राष्ट्रपति हिंदी भाषा की बेहतरी के लिए आयोग (भाषा आयोग) का गठन करेगें। जब राष्ट्रमंडल खेल भारत में हो रहे हैं, हिन्दी भाषा को संवर्धित करने के लिए संविधान में दी गई भाषा संबंधी व्यवस्था का पालन नहीं हो रहा है, ऐसे में जरुरी है जनजागृति द्वारा प्रबुद्ध नागरिक राष्ट्रमंडल खेलों में हिन्दी के प्रयोग को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करें।

7. राष्ट्रमंडल खेल में हिन्दी के प्रयोग द्वारा हम उस रुढ़ मानसिकता पर भी चोट कर सकते हैं जो अंग्रेजी के प्रयोग द्वारा निज विशिष्टता सिद्ध करती रही है, यह हिंदी के भूगोल और मानसिकता को परिवर्तित करने का अवसर भी है।

आशा है आप हमारी बातों से सहमत होंगे। कृपया अपनी सहमति को अपने अधिकतम संसाधनों के माध्यम से सरकार तक पहुँचाने के लिए प्रयास करें और हमारे प्रयास में सहयोग कर राजभाषा प्रयोग के इस महत्वपूर्ण प्रश्न को सुलझाने में सहयोग करें। कृपया इस अभियान हेतु हमें अपना समर्थन पत्र भी प्रदान करें।

आपसे अनुरोध है कि इस विषय को और अधिक स्पष्ट करने तथा विचार विमर्श करने तथा देश की भाषा हिन्दी के प्रति अपना सम्मान एवं देश के प्रति अपनी सांस्कृतिक एक जुटता प्रकट करने हेतु दिनांक  07/07/2010 को सायं 05:00 बजे, बृहस्पति भवन में पधारने का कष्ट करें। आशा है इस आयोजन में आपकी सक्रिय भागीदारी एवं सहयोग प्राप्त होगा।

शुभकामनाओं सहित।



                                         (प्रो0 नवीन चन्द्र लोहनी)

                                              एवं समस्त साथी
                                        ‘राजभाषा समर्थन समिति’


द्वारा:- हिन्दी विभाग, चौ0 चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ सम्पर्क हेतु मो0 न0 : 9412207200 /9412885983 /9758917725 /9258040773 /9675899855
ई- मेल - rajbhashass.mrt@gmail.com

नोट: कृपया इस अवसर पर अपनी संस्था का बैनर भी लाएं जिसको आयोजन स्थल पर सहयोगी संस्थाओं के रूप में प्रदर्शित किया जा सके।

No comments:

Post a Comment

आप सभी का मंथन विचार पत्रिका के इन्टरनेट संस्करण में स्वागत है..

"कैमरे के फ़ोकस में - मंथन पत्रिका और विभागीय गतिविधियाँ " को ब्लॉग के बायीं ओर लिंक सूची में देखें .......