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Monday, September 5, 2011

हिन्दी विभाग में आकाशवाणी द्वारा आयोजित गोष्ठी- मेरठ का विकास : चुनौतियां और संभावनाएं

20 अगस्त 2011, मेरठ मण्डल का विकास: चुनौतियाँ और संभावनाएं

कार्यक्रम आधिकारी मनोहर सिंह रावत ने बताया कि  कार्यक्रम दिनाक २७ अगस्त २०११ दिन शनिवार को सांय 4 बजकर 5 मिनट से 5 बजकर 5 मिनट तक आकाशवाणी  के राजधानी चैनल 450.5 पर  666 KH पर प्रसारित किया जायेगा........

मेरठ, दिनांक 20 अगस्त 2011। चै0 चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के हिन्दी विभाग तथा आकाशवाणी, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आज हिन्दी विभाग में ‘मेरठ मण्डल का विकास: चुनौतियाँ और संभावनाएं‘ विषय पर  संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आकाशवाणी के निदेशक श्री लक्ष्मी शंकर वाजपेई ने संगोष्ठी की रूपरेखा रखी, उन्होंने बताया कि आकाशवाणी ने कई शहरों, राज्यों में अपने कार्यक्रमों के माध्यम से विकास की पहल की और इसी सन्दर्भ में वे आज मेरठ आए हैं। उन्होंने बताया कि पूरे भारत वर्ष में संचार माध्यमों खास कर इलैक्ट्रोनिक माध्यमों में रेडियो जितने लोगों से जुड़ा है उस अनुपात में ओर कोई माध्यम नहीं है, साथ ही आकाशवाणी की विकास कार्यक्रमों से सन्दर्भ में प्रासंगिकता के विषय में भी अपने विचार रखते हुए विषय प्रवर्तन किया। हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो0 नवीन चन्द्र लोहनी ने सभी अतिथियों एवं गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत सम्बोधन किया तथा बुके भेंट कर उनका स्वागत किया।
चै0 चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एच0 सी0 गुप्ता ने कहा कि प्रसन्नता का विषय है कि आकाशवाणी दिल्ली ने मेरठ मण्डल के विकास की चुनौतियों और संभावनाओं पर आज यहाँ गोष्ठी आयोजित की है। जिससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विकास के साथ मेरठ के विकास को गति मिलेगी। कृषि, उद्योग, शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में मेरठ ने जो प्रगति की है वह अभूतपूर्व है, किंतु संसाधनों का नियोजन और उसके उपयोग को निश्चित करने के लिए समय-समय पर जो कार्य होने चाहिए उसके लिए निरंतर कार्यक्रम आधारित विकास की योजना बननी चाहिए। जिसकी अभी मेरठ को जरूरत है। इस क्षेत्र में पर्याप्त पानी, कृषि योग्य भूमि के चलते हरित क्रांति तो हुई किन्तु अब धीरे-धीरे कृषि योग्य भूमि का उपयोग अन्य कार्यों के लिए होने के कारण उसकी कमी हो रही है। जिससे पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है। मैं चाहता हूँ कि विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण पर भी हम पर्याप्त ध्यान दें। कभी कैची उद्योग के कारण प्रसिद्ध मेरठ आज चीनी मिलों, खेल, उद्योग, आभूषण प्रकाशन, हस्तकरघा, गुड, तेल, कागज, गत्ता, सूती वस्त्र, सहित कई नए क्षेत्रों में मुकाम स्थापित कर रहा है। 
मेरठ के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने अपनी बात व्यवस्था में भ्रष्टाचार से मुक्ति से शुरू की तथा उन्होंने मण्डल के विकास और संभावनाओं के मद्देनजर प्रशासकीय संरक्षण और प्रोत्साहन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मेरठ प्रदेश में देश में तथा दुिनयां में अपनी एक विशेष छवि के लिए जाना जाता है तथा मेरठ मण्डल के विकास को नए सोपानों की ओर ले जाने के लिए बुनियादी ढांचा और परिवहन व्यवस्था (रेल, बस, सड़के) आदि पर भी संज्ञान लिया। माननीय सांसद ने मेरठ में औद्योगिक विकास के लिए मेरठ की छवि को सुधारने की ओर भी संकेत किया तथा उन्होंने मेरठ के फोक कल्चर (लोक संस्कृति तथा भाषाई प्रश्न को भी उठाया। उन्होंने मेरठ मण्डल के हस्तिनापुर क्षेत्र को रेल परिवहन से भी जोड़ने की बात कही तथा कृषि आधारित उद्योगों एवं चै0 चरण सिंह के ग्राम नूरपुर में खाद्य प्रसंस्करण निर्मित कराने की बात कही। अंत में उन्होंने कहा कि मेरठ असीम संभावनाओं से भरा क्षेत्र है जिस में कृषि, उद्योग, शिक्षा एवं बुनियादी ढांचे को मजबूत कर सभी क्षेत्रों में विकास किया जा सकता है।
मेरठ मण्डलायुक्त श्री भुवनेश कुमार ने अपनी बात आरम्भ करते हुए कहा कि हमारे देश में विगत 25 वर्षें में प्रत्येक क्षेत्र में बहुत उन्नति की है। इस उन्नति को हम तुलनात्मक ढंग से बेहतर समझ सकते हैं। उन्होंने मेरठ मण्डल को अन्य शहरों और प्रान्तों की तुलना में बहुत समृद्ध बताया। उन्होंने कहा कि फिर भी मेरठ में विकास की अनन्त संभावनाएं हैं। बिजली, सड़के, रेलयातायात, शिक्षा, उद्योग धन्धे आदि में और निवेश की ओर ज्यादा आवश्यकता है। उन्होंने अपनी बातों को पुष्ट करते हुए आंकड़ों के आलोव में कई परियोजनाओं का भी जिक्र किया। मण्डलायुक्त ने मुख्य बिन्दु यातायात पर केन्द्रित किया। उन्होंने दिल्ली एक्सप्रेस वे डेली पैसिन्जर ट्रेन तथा अन्य कुछ विचाराधीन परियोजना पर भी विस्तार में प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने मेरठ क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों को भी विकसित करने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि गाजियाबाद में हिण्डन नदी पर 29 करोड़ रूपये की लागत से एक पुल निर्माणाधीन है तथा मुरादनगर-मोदीनगर में लाई ओवर बनाने की योजना पर भी अमल किया जा रहा है। अन्त में उन्होंने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा कि हम हीन भावना से ग्रस्त है। हमारा नजरिया नकारात्मक पूर्ण  है तथा मीडिया इसे बढ़ा-चढ़ा कर दिखाता है। उन्होंने मेरठ के विकास के लिए सकारात्मकता एवं मिल-जुलकर एक इकाई के रूप में कार्य करने का सुझाव दिया तथा यह भी बताया कि मेरठ देश के प्रगतिशील शहरों की सूची में चैथे स्थान पर है। इस अवसर पर मेरठ के प्रसिद्ध टाउन प्लानर जागेश कुमार ने मेरठ के विकास के लिए परिवहन व्यवस्था पर बल दिया तथा उन्होंने उचित ढंग से सुनियोजित विकास के लिए सरकारी व्यवस्था को दोषी बताया। 
उद्योग जगत से जुडे श्री पंकज गुप्ता ने मेरठ मण्डल के विकास के लिए तथा औद्योगिक विकास के लिए भयमुक्त वातावरण तथा शहर की अच्छी छवि को मुख्य कारक बताया। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र का विकास मुख्यतः औद्योगिक ढांचे पर निर्भर करता है। इन्फास्ट्रक्चर की कमी भी औद्योगिक विकास के आडे आती है। इसके साथ ही बिजली, सुरक्षा व्यवस्था, जल निकासी, आग नियंत्रण, वाटर सलाई आदि पर भी विशेष बल दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरठ शहर में कृषि विश्वविद्यालय होने के बावजूद भी यहाँ फूड प्रोसेसिंग उद्योग नहीं है जिस क्षेत्र में अनंत संभावनाएं विद्यमान है। जिसके विकास से मेरठ के विकास को गति मिलेगी। 
अधिवक्ता सुश्री शाहीन परवेज ने मेरठ मण्डल के विकास में गरीब और मलिन बस्तियों के विकास की जरूरत बताई। उन्होंने मेरठ शहर की चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि हम धर्म, जाति-पाति, भेदभाव में बँटे हुए हैं। जब तक इन समस्याओं से निजात नहीं मिलेगी तब तक मेरठ के विकास की बात करना बेमानी है। उन्होंने कहा कि मेरठ भूमाफियाओं, स्वार्थी नेताओं और बहुसंख्यक अज्ञानी लोगों के हाथ में है। अतः में बुद्धि जीवियों से आहवान करती हूँ कि इस दिशा में सार्थक पहल की आवश्यकता है। उन्होंने मेरठ के विकास के लिए कमेले की निन्दा की तथा उन्होंने मेरठ के कैंची उद्योग तथा छोटी-छोटी गलियों में चल रहे कुटीर उद्योगों के क्रियान्वयन के लिए उचित बुनियादी जरूरतों पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि अमीर लोग तो पैसे के बल पर अपने लिए सभी सुविधाएं जुटा लेते हैं किन्तु गरीब एवं मलिन बस्तियों में जो अनाधिकृत कालोनियों में बुनियादी सुविधाएं नहीं पहँुचती। मेरठ के पूरे विकास के लिए गरीब एवं मलिन बस्तियों के विकास को भी समझने की आवश्यकता है। 
विश्वविद्यालय के गणित विभागाध्यक्ष प्रो0 मृदुल कुमार गुप्ता ने मेरठ मण्डल के विकास के लिए शिक्षा पर बल दिया साथ ही उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के विकास को भी अपने एजेण्डे में सम्मिलित किया। अत्यधिक कार्यभार एवं वृहत् क्षेत्रफल की दृष्टि से उन्होंने मेरठ विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की बात कही और विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों में रिक्त पदों पर नियुक्ति को प्राथमिकता दी। 
संगोष्ठी के अन्तिम चरण में सुझाव और प्रश्नोत्तरी के तहत संगोष्ठी में शामिल शहर के गणमान्य और वरिष्ठ विशेषज्ञों के प्रश्नों को भी स्थान दिया गया। शहर के वरिष्ठ नागरिक एवं इतिहासविद् धर्म दिवाकर ने मेरठ मण्डल के विकास के लिए हस्तिनापुर को रेलवे लाईन से जोड़ने की बात कही। 
गिरीश शुक्ला ने मेरठ के विकास में पर्यावरण सन्तुलन पर विशेष बल दिया तथा शहर के प्रसिद्ध गजलकार एवं बिजली विभाग के पूर्व अभियंता किशन स्वरूप ने मेरठ के विकास के लिए नजरिया बदलने की बात कही तथा अमित पाठक ने मेरठ मण्डल के विकास के लिए पर्यटन के विकास पर बल दिया वाणिज्यकर आयुक्त ओ0पी0 रतूडी ने कहा कि मेरठ असीम संभावनाओं से भरा शहर है। इन सभी प्रश्नों के मण्डलायुक्त ने उत्तर दिए तथा भविष्य में भी समस्याओं के समाधान करने की बात कही। 
संगोष्ठी का संचालन आकाशवाणी की कार्यक्रम अधिकारी एवं उद्घोषिका ऋतु राजपूत तथा हिन्दी विभाग के शोधार्थी रवीन्द्र राणा ने किया। जिसमंे उनका सहयोग आकाशवाणी के अधिशासी अधिकारी मनोहर सिंह रावत ने किया। इस अवसर पर शहर के कई क्षेत्रों से जुडे गणमान्य व्यक्ति तथा वरिष्ठ नागरिक भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्रो0 वाई विमला, प्रो0 योगेन्द्र सिंह, वित्त नियंत्रक अतुल कुमार सिंह, डाॅ0 ए0 के0 चैबे,  साथ ही हिन्दी विभाग के प्राध्यापक डाॅ0 अशोक मिश्र, डाॅ0 सीमा शर्मा, डाॅ0 रवीन्द्र कुमार, एवं छात्र-छात्राओं में नरेन्द्र मिश्र, आरती, अंजू, मोनू सिंह, ललित सारस्वत, अमित, राहुल, चरणसिंह, मिलिन्द, मोहनी, कपिल, शिवानी, कौशल, मनीषा, सन्ध्या, पूजा, प्रगति, दिलीप शर्मा, पवन भारतीय, पिण्टू, अरूण गौतम आदि उपस्थित रहे। 







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