यूरोप में आयोजित हिन्दी ज्ञान प्रतियोगिता में चयनित छः देशांे के 12 विद्यार्थी तथा उज्वेकिस्तान के 8 विद्यार्थियों का एक दल ‘अक्षरम्‘ नई दिल्ली भारतीय सांस्कृतिक परिषद के पदाधिकारियों के साथ भारत भ्रमण कार्यक्रम के अन्तर्गत चै0 चरण सिंह विश्वविद्यालय के हिन्द विभाग में प्रातः 11 बजे पहुँचा। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय तथा विदेशी विद्यार्थियों के बीच वैचारिक आदान-प्रदान भी हुआ।
कार्यक्रम में विदेश से आये सभी विद्यार्थियों ने अपना परिचय तथा हिन्दी भाषा को सीखने के दौरान हुए अनुभवों को भी साझाा किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में लंदन से आई अर्चि शर्मा ने अपना परिचय देते हुए कहा कि मुझे भारत बहुत अच्छा लगता है। इसके साथ ही यहाँ के लोग और संस्कृति तथा तीज-त्यौहारों से मुझे बेहद लगाव है। इस अवसर पर उन्होंने एक कविता भी सुनाई - ‘‘चाहे पथ पर शूल बिछा दो। इसके बाद रूस से आई पोलीना रीजोवा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि- ‘‘मुझे भारत अच्छा लगता है। इन्होंने मंगलेश डबराल की कविता सुनाई। उज्वेकिस्तान के जावेद दनजिदेव ने इस मौके पर कबीर का एक दोहा पढ़कर सुनाया। हंगरी से आई ऐगनेर आगोस्तोन ने भारत देश को बहुत अच्छा बताया साथ ही उन्होंने ‘कस्तूरी कुण्डल बसे‘ नामक दोहा भी सुनाया। रूस से आई लीडिया आहीपोवा ने कहा कि मैं मास्को राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से हिन्दी, उर्दू, अंग्रेजी सीख रही हूँ तथा उन्हें हिन्दी के विद्याथियों से मिलकर बेहद प्रसन्नता हुई। इसके साथ उन्होंने सभी विद्यार्थियों को रूस आने का निमंत्रण भी दिया।
लंदन से आई ऋतु बरोलिया ने कहा कि मैं भारत की संस्कृति को समझना चाहती हूँ इसलिए हिन्दी पढ़ रही हूँ। इस अवसर पर उन्होंने सुभद्रा कुमारी चैहान की कविता झाँसी की रानी की कुछ पंक्तियाँ सुनाई ‘‘सिंहासन हिल उठे, राजवंशों ने मृकुटी तानी थी उज्बेकिस्तान के नजारो व एलवेक ने अपना परिचय देते हुए ‘‘कुछ-कुछ होता है‘‘ फिल्म का गाना सुनाकर सभी का मुग्ध कर दिया। विदेशी छात्रों के दल संचालक नरेश शांडिल्य ने बताया कि हम आई0सी0सी0आर0 तथा ‘अक्षरम्‘ संस्था की ओर से प्रतिवर्ष विदेशी बच्चों को ताजमहल, बनारस, प्रयाग, हरिद्वार, संसद भवन आदि ऐतिहासिक तथा धार्मिक स्थलों का भ्रमण कराते हैं। जिससे कि इन देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान हो सके। उन्होंने हिंदी के प्रति विदेशी बच्चों के उत्साह जोश और प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। इस अवसर पर शशि वालियाँ ने भी विदेशी बच्चों के गरम-जोशी से स्वागत के लिए हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो0 नवीन चन्द्र लोहनी का आभार व्यक्त किया। बुल्गारिया से आई मोना कौशिक ने कहा कि रूस तथा अन्य देशों के विद्यार्थी भारत घूमने के लिए आये इसके लिए मैं अक्षरम् व हिन्दी विभाग को धन्यवाद देती हूँ पूर्व शिक्षा संकाय अध्यक्ष प्रो0 के0जी0 शर्मा ने कहा कि हिंदी विश्व भाषा बनने की योग्यता रखती है तथा इस भाषा में भारत की हजारों वर्ष की परम्पराएँ, शिक्षा, संस्कार, ज्ञान, सुरक्षित है। इब समय आ गया कि लोग हिंदी की ताकत को पहचाने। विज्ञान संकाय अध्यक्ष प्रो0 एच0एस0 सिंह ने अपने निजी अनुभव साझाा किए तथा साथ ही अपनी हंगरी यात्रा के अनुभवों को प्रस्तुत किया। वनस्पति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रो0 वाई0 विमला ने कहा कि मैंने हंगरी जाकर वहाँ की भाषा सीखी तथा उन्होंने यह भी कहा कि भाषा के सम्मुख कोई जाति, वर्ग आड़े नहीं आता है। भाषा के माध्यम से हमारी अभिव्यक्त तथा भावनाएँ एकाकार हो जाती है। इस अवसर पर हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो0 नवीन चन्द्र लोहनी ने विदेशी छात्रों का स्वागत करते हुए कहा कि भाषा पर कोई बैरियर नहीं होता। ये देश भले ही भौगोलिक सीमाओं में बँटे हुए हों ये सीमाएँ हमने बनाई है। भाषा इन सभी सीमाओं तथा बन्धनों को तोड़कर विश्व को एकाकार होने का सन्देश देती है। हिन्दी विभाग के छात्र मोनू सिंह ने कहा कि मैं विदेशी विद्याथियों के हिन्दी भाषा के प्रति अनुराग एवं सीखने की मुक्त कण्ठ से सराहना की साथ ही कहा कि आज वैश्विक रूप में हिन्दी एक नई ताकत एवं उर्जा के रूप में उभर रही है। जिसे सारी दुनियाँ ने स्वीकार किया है। एम0फिल् की छात्रा प्रगति ने विदेशी छात्रों का स्वागत किया। एम0ए0 की छात्रा कौशल कुमारी ने भी स्वागत किया।
इस अवसर पर राजनीति विभाग की प्रो0 अर्चना शर्मा तथा समाजशास्त्र विभाग के प्रो0 कुलानुशासक योगेन्द्र सिंह ने विदेशी विद्यार्थियों को विभागीय पत्रिका मंथन की एक-एक प्रति भेट की। इसके बाद विदेशी छात्रों के दल चै0 चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एच0सी0 गुप्ता के निवास स्थान पर भेंट की तथा इस अवसर पर कुलपति महोदय ने वि0वि0 परिवार की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम का समापन हिन्दी साहित्य कुटीर में साहित्यकारों की प्रतिमाओं के दर्शन के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 सीमा शर्मा ने किया। इस अवसर पर डाॅ0 अशोक मिश्र, डाॅ0 रविन्द्र कुमार, मोनू सिंह, अंजू, आरती राणा, ललित सारस्वत, चरनसिंह, राहुल कुमार, प्रगति, सुजाता, दिलीप शर्मा, कौशल कुमार, शिवानी, मिलिन्द, आयुषी, पूजा आदि उपस्थित रहे।
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