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Thursday, September 15, 2022

हिंदी दिवस 2022 के अवसर पर 14 सितम्बर 2022 को ‘भारत में हिंदी की स्थिति’ परिचर्चा का आयोजन

 हिंदी विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ

हिंदी दिवस

दिनांक: 14 सितम्बर 2022

हिंदी एवं अन्य आधुनिक भारतीय भाषा विभाग तथा भारतीय भाषा, संस्कृति एवं कला प्रकोष्ठ, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा हिंदी दिवस 2022 के अवसर पर 14 सितम्बर 2022 को ‘भारत में हिंदी की स्थिति’ परिचर्चा का आयोजन किया गया ।

कार्यक्रम के अध्यक्ष संकायाध्यक्ष कला एवं विभागाध्यक्ष प्रो॰ नवीन चन्द्र लोहनी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर हिंदी की जो स्थिति है उसकी शुरूआत भारत से ही होती है। हमें हिंदी में पढ़ना और सीखना चाहिए। मेरठ परिक्षेत्र में भाषा अध्ययन की लम्बी परम्परा रही है। खड़ीबोली और कौरवी बोली को लेकर यहाँ शोध और सृजन दोनों ही व्यापक रूप में हुए हैं। हिंदी अध्ययन कर्ताओं की एक लम्बी परम्परा रही है।

विशिष्ट अतिथि प्रो॰ पवन शर्मा ने कहा कि कोई भी भाषा एक दिन में मानक रूप प्राप्त नहीं करती है। एक हजार वर्ष पूर्व ही मालाबार (दक्षिण भारत) में हिंदी के प्रयोगकर्ता रहे हैं, चीन इटली भूटान, अरब आदि देशों से आने वाले विदेशी यात्री लम्बे समय तक भारत प्रवास पर रहे और यहाँ की संस्कृति का अध्ययन किया। ये लोग हिंदी और संस्कृत दोनों भाषाओं के ज्ञाता थे। आगरा के विद्यार्थियों ने पीएच॰ डी॰ उपाधि और यूपीएससी में हिंदी को स्थान दिलाने के लिए लगातार संघर्ष किया। अमिताभ की फिल्मों ने दक्षिण भारत में भाषाई विरोध के राजनीतिक रूप को समाप्त कर दिया। हिंदी से हमारा गर्भनाल का संबंध है। हिंदी को हिंदी के रूप में स्वीकारें। हिंदी वैश्विक भाषा है इसलिए हमें हिंदी को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने का प्रयास करना हमारा कर्तव्य है।

विशिष्ट अतिथि प्रो॰ असलम जमशेदपुरी ने कहा कि हिंदुस्तान की भाषा हिंदी है और हमें इस पर गर्व है। दुनिया में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले अखबार हिंदी  के हैं। बाहर के देशों में जाने पर हमें हिंदी बोलने पर संकोच नहीं करना चाहिए। हिंदुस्तानी होने के नाते हमें हिंदी अवश्य आनी चाहिए। हिंदी दिवस के अवसर पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हिंदी में मौलिक सृजन करके हिंदी को समृद्ध करें और उसे आगे ले जाये।

विशिष्ट अतिथि प्रो॰ वाचस्पति मिश्र ने कहा कि वर्तमान समय हिंदी का समय है। भारत की सभी भाषाओं की लिपि एक हो जानी चाहिए, जिससे भारत की सभी भाषाओं तक पाठकों की पहुंच बने। हिंदी के प्रचार-प्रसार में उर्दू का बड़ा योगदान है। हिंदी दिवस मनाने के साथ-साथ हमें हिंदी को स्वावलम्बी बनाने का भी प्रयास करना होगा तभी हिंदी विकसित भाषा होगी।

कार्यक्रम संयोजक डॉ॰ प्रवीण कटारिया ने सभी अतिथियों और श्रोताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि कामकाज के सभी दस्तावेज हिंदी में ही होने चाहिए। फिल्मों के माध्यम से हम विभिन्न भारतीय भाषाओं से जुड़ रहे हैं। अन्य भाषाओं को सीखने के साथ-साथ हमें हिंदी को विश्व स्तर पर स्थापित करने के प्रयास करने होंगे क्योंकि भारत का विकास हिंदी माध्यम से ही संभव है।

कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के शोध छात्र मोहनी कुमार ने किया।  

इस अवसर पर मेरठ परिक्षेत्र के वरिष्ट साहित्यकार किशन स्वरूप, रामगोपाल भारतीय, कौशल जी, डॉ॰ ओमपाल शास्त्री, डॉ॰ आसिफ अली, डॉ॰ शादाब अलीम, डॉ॰ अलका वशिष्ठ, डॉ॰ अंजू, डॉ॰ आरती राणा, डॉ॰ यज्ञेश कुमार, डॉ॰ विद्यासागर सिंह, विनय कुमार, पूजा यादव, सचिन कुमार, उपेन्द्र कुमार, प्रियांश, शिवानी, राधा, प्रियंका कुशवाह, प्रिंसी, शौर्य, निकुंज कुमार, अजय, आकाश, उपस्थित रहे।

Youtube Link: https://youtu.be/4BDt15Wxfeo



































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